प्राचीन से आधुनिक योग के प्रात्यक्षिक करते हुए १२०० छात्र करेंगे योगा का विश्वरिकाॅर्ड

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योगा से बनाएंगे उच्च कोटि के आंतरराष्ट्रीय आॅलिम्पिक खिलाड़ी : मुख्याध्यापिका धनावड़े

पुणे : छात्रों का कम उम्र में ही योग के प्रति रुझा बढ़ाने तथा इससे उन्हें शारीरिक और बौद्धिक दृष्टि से सक्षम बनाने के उद्देश्य से डीईएस स्कूल में बीते दो वर्षों से बेहतरीन प्रयास किए जा रहे हैं। इस बार क्रीडा क्षेत्र में कुछ अनोखा करने के उद्देश्य से डीईएस स्कूल में १८ जनवरी २०२५ को १२०० छात्र और अभिभावक प्राचीन से लेकर आधुनिक युग तक विभिन्न योगा का प्रात्यक्षिक दिखाते हुए एक अनोखा विश्वरिकाॅर्ड बनाने जा रहे हैं। यह जानकारी स्कूल की प्रधानाध्यापिक अर्चना धनावड़े ने एक प्रेस वार्ता में दी।
इस विश्वरिकाॅर्ड के संदर्भ में विस्तार से जानकारी देते हुए अर्चना धनावड़े बोल रही थी। इस प्रेस वार्ता में सीमरन गुजर, प्रोजेक्ट मैनेजर ग्रेसी डिसूजा, क्रीडा शिक्षिका योगिनी कानडे और योगा उपक्रम के सलाहकार डॉ. मिलिंद संपगावकर, राजश्री ठकार आदि उपस्थित थे।
प्रधानाध्यापिका धनावड़े ने आगे बताया कि, इस योगा विश्वविक्रम में छात्र काल योग, सूर्य नमस्कार, चंद्र नमस्कार, ट्रायबल योगा, एनिमल योगा, बर्ड पोजेस, दंड योग, पार्टनर योगा, रिवोलूशनरी पोजेस, ताली योग, ऱ्हिदमिक योगा, इक्विपमेंट योगा, थेरा बैंड योग, ब्रिक्स योग, चेअर योगा, मेडिसनल बाॅल योगा, योगा फाॅर स्पोर्ट्स, डान्स योगा, पैट्रियाॅटिक मंडल योग, अॅक्वा योगा, स्पिरिच्युअल योगा और पावर योगा का प्रदर्शन होगा। इस समय अभिभावकों द्वारा ढोल-ताशा का पथसंचलन संपन्न होगा। शंखनाद से कार्यक्रम की शुरुआत होगी और सरस्वती पूजन के पश्चात छात्र विभिन्न योगा प्रदर्शित करेंगे।
कोरोना महामारी के पश्चात छात्रों में रोगप्रतिकार शक्ति को बढ़ाने का विषय अहम हो गया। ऐसे में हमने योगा के माध्यम से छात्रों को शारीरिक और बौद्धिक तौर पर सक्षम बनाने के उद्देश्य से दो वर्ष पूर्व योगा क्लासेस की शुरुआत की। इसमें छात्रों ने काफी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह विश्वविक्रम उन्हीं प्रयासों की एक अनुभूति है। इसके माध्यम से हम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर के आॅलिम्पिक खिलाड़ी तैयार कर पाएंगे, ऐसा विश्वास प्रधानाध्यापिका धनावड़े और उपस्थित शिक्षिकाओं ने व्यक्त किया।
डाॅ. मिलिंद संपगावकर ने बताया कि, १५० मिनिटों में १२०० छात्र ३० एक्टिविटी पेश करेंगे. इसके लिए छात्रों ने जमकर तैयारियां की है। स्कूल में अभिभावकों को भी इस उपक्रम में शामिल कर लिया, जिसका छात्रों पर काफी सकारात्मक प्रभाव दिखाई दे रहा है।

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