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आर्थिक विकास में सहकारी बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान: रमेश तवडकर

  • ई-प्लस और इवेंटालिस्ट द्वारा ‘इंजीनियस बैंकिंग लीडरशिप समिट और आइकॉनिक लीडर्स अवॉर्ड्स’ का आयोजन
  • राज्य सहकारी और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों का सहभाग; नई तकनीक और केंद्रीय सहकार नीति पर चर्चा

पुणे: “राज्य सहकारी बैंक और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों का नेटवर्क गांव-गांव तक फैला हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इन बैंकों से जुड़े होने के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और देश के आर्थिक विकास में सहकारी बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान है। ये बैंक आम जनता को आर्थिक सहायता प्रदान करने का कार्य करती हैं,” ऐसा मत गोवा विधानसभा अध्यक्ष रमेश तवडकर ने व्यक्त किया।

ई-प्लस इंटेलेक्चुअल मीडिया और इवेंटालिस्ट के तत्वावधान में राज्य सहकारी और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों के लिए ‘इंजीनियस बैंकिंग लीडरशिप समिट और आइकॉनिक लीडर्स अवॉर्ड्स’ का हाल ही में आयोजन किया गया। इसमें पाँच राज्य सहकारी बैंक और 16 जिला सहकारी बैंकों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। ई-प्लस इंटेलेक्चुअल मीडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जाहिद सिद्दीकी, प्रबंध निदेशक सबीना इनामदार सिद्दीकी, और निदेशक प्रेषित देशमुख इस कार्यक्रम के आयोजक थे।

इस कार्यक्रम में गोवा के सामाजिक न्याय मंत्री सुभाष फलदेसाई, विधायक संकल्प आमोणकर, नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया (एनसीयूआई) के अध्यक्ष दिलीप संघानी, महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक प्रमोद कर्नाड, गोवा राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष उल्हास फलदेसाई सहित देशभर के राज्य और जिला सहकारी बैंकों के चेयरमैन, निदेशक और अन्य पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। बैंकों के लिए आवश्यक तकनीक, प्रणाली, और सुरक्षा उपकरणों का प्रदर्शन भी इस अवसर पर किया गया।

सुभाष फलदेसाई ने कहा, “केंद्रीय स्तर पर अलग सहकार मंत्रालय शुरू होने के बाद केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक का सहकारी बैंकों की ओर देखने का दृष्टिकोण अत्यंत सकारात्मक हो गया है। इसलिए बदलते समय के साथ सहकारी बैंकों को नई तकनीक अपनाकर वित्तीय लेन-देन में अधिक पारदर्शिता लानी चाहिए। साथ ही साइबर सुरक्षा को मजबूत करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए।” प्रमोद कर्नाड, उल्हास फलदेसाई, और दिलीप संघानी ने सहकारी बैंकों के महत्व को स्पष्ट करते हुए उपस्थितों का मार्गदर्शन किया।

जाहिद सिद्दीकी ने कहा, “सहकारी बैंकों के महत्व को प्रतिबिंबित करने के साथ ही बैंकिंग प्रणाली और नई तकनीक पर चर्चा करने के उद्देश्य से यह समिट महत्वपूर्ण थी। ये बैंक आम लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए निरंतर काम कर रही हैं और सहकारी क्षेत्र में बड़ा योगदान दे रही हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उनके योगदान को सम्मानित कर उन्हें प्रोत्साहित करना था। समिट और पुरस्कार समारोह को देशभर से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली, जिससे हमें संतोष है।”

फोटो:
राज्य सहकारी और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों की राष्ट्रीय परिषद के दौरान बाईं ओर से जाहिद सिद्दीकी, सबीना इनामदार सिद्दीकी, रमेश तवडकर, प्रेषित देशमुख और रोहन पाटिल।

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